Thursday 16 April 2015

भगवान से मिलने की तीव्र इच्छा को पूर्ण करता है यह मंत्र

रिश्ते जीवन की अनमोल धरोहर होते हैं जिनके सहारे जिंदगी का सफर आसान हो जाता है। संसारिक रिश्ते तो कच्चे धागे होते हैं जरा सा चटके नहीं की टूट कर बिखर जाते हैं। जीवन में अगर किसी से सच्चा रिश्ता बनाना चाहते हैं तो भगवान के साथ बनाया जा सकता है पक्‍का रिश्‍ता। सच्चे दिल से बनाया गया भगवान से रिश्ता आपकी समस्त मनोकामनाओं को दिला सकता है भगवान का आशीर्वाद-
जिस समय संसारिक रिश्ते आप से मुंह मोड़ लेते हैं उस समय केवल भगवान ही आपकी सहायता करते हैं। इतिहास साक्षी है जब भी किसी भक्त पर संकट आता है तो भगवान अपने भक्त की रक्षा के लिए आगे आते हैं।
 
जो भक्त प्रेम और श्रद्धा से भगवान को भजते हैं उनके चित्त में भगवान ज्ञान का दीप जलाते हैं। भक्त के मन में भगवान को मिलने की इच्छा तीव्र हो तो वह उसे अपने आप ही मिल जाते हैं। बस आप उन्हें अपना सर्वस्व अर्पण कर दें। प्रतिदिन प्रार्थना करते समय इस मंत्र का जाप करें
 
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा।।
 
तुम ही माता और पिता हो, तुम ही बंधु और सखा तुम ही हो।
तुम ही साथी और सहारे, कोई नहीं है अपना सिवाय तुम्हारे

तुम ही नय्या और वैयां, तुम ही बंधु, सखा तुम ही हो।।

No comments:

Post a Comment