Friday 17 April 2015

शारदा माता की आरती

हे शारदे! कहां तू वीणा बजा रही है।
किस मंजुज्ञान से तू जग को लुभा रही है।
किस भाव में भवानी तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी क्यों मात सुन रही है।
हम दीन बाल कब से विनती सुना रहे हैं,
चरणों में तेरे माता हम सिर नवा रहे हैं।
अज्ञान तुम हमारा मां शीघ्र दूर कर दे,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में मां शारदे तू भर दे।
बालक सभी जगत के सुत मात है तिहारे,
प्राणों से प्रिय तुझे है हम पुत्र सब दुलारे।
हमको दयामई ले गोद में पढ़ाओ,
अमृत जगत का हमको मां शारदे पिलाओ।
ह्रदय रूपी पलक में करते है आहो जारी,
हर क्षण ढूंढते है माता तेरी सवारी।
मातेश्वरी तू सुन ले सुंदर विनय हमारी,
करके दया तू हरले बाधा जगत की सारी।

No comments:

Post a Comment