Thursday, 16 April 2015

स्मरण करने मात्र से भक्त के पास पहुंच जाते हैं दत्तात्रेय भगवान

महायोगीश्वर दत्तात्रेय भगवान श्री विष्णु के अवतार हैं। दत्तात्रेय भगवान अपने भक्तों का हर कष्ट दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान दत्तात्रेय कृपा की मूर्त कहलाते हैं। उन्हें स्मरण करने मात्र से वह भक्त के पास पहुंच जाते हैं। तभी तो इन्हें स्मृतिगामी तथा स्मृतिमात्रानुगन्ता कहा जाता है। ये विद्या के परम आचार्य हैं। भगवान दत्तजी के नाम पर दत्त संप्रदाय दक्षिण भारत में विशेष प्रसिद्ध है।
यदि आपकी भी कोई मनोकामना है तो नीचे लिखे दत्तात्रेय मंत्र का जप विधि-विधान से करने पर आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। मंत्र इस प्रकार है- 

                                                          श्री ॐ कृत्वा दिम दिम चम्स्भ ने ॥

विधि-विधान
1 किसी भी पूर्णिमा से साधना को शुरू किया जा सकता है। 
2 पवित्रता बनाएं रखें।
3 उत्तर दिशा में बैठ कर पिला आसन बिछा कर जाप करें।
4 सुबह के समय जाप का आरंभ दीपक प्रज्ज्वलित करने के उपरांत करें। 
इस विधान से भगवान दत्तात्रेय की अनुभूति किसी भी रूप में होगी।

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