Showing posts with label Krishan Bhajan. Show all posts
Showing posts with label Krishan Bhajan. Show all posts

Wednesday, 8 April 2015

मन लाग्यो मेरो यार

मन लाग्यो मेरो यार
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥
जो सुख पाऊं राम भजन में
सो सुख नाहिं अमीरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥
भला बुरा सब का सुनलीजै
कर गुजरान गरीबी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥
आखिर यह तन छार मिलेगा
कहां फिरत मग़रूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥
प्रेम नगर में रहनी हमारी
साहिब मिले सबूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥
कहत कबीर सुनो भयी साधो
साहिब मिले सबूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में॥