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Tuesday, 14 April 2015

इस समय घर की सफाई करने से बरकत में आती है कमी

तन मन को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है घर की सफाई। सकारात्मक उर्जा के लिए घर पूरी तरह साफ-सुथरा होना चाहिए। जिस प्रकार से आज लाइफ बिजी होती जा रही है, सुबह होते ही भागदौड़ का दौर आरंभ हो जाता है। उस में सुबह घर की साफ-सफाई के लिए बहुत से लोग वक्त नहीं निकाल पाते ऐसे में संपूर्ण घर की सफाई वह रात में करके अपने घर को चमका लेते हैं। 
सफाई प्रकृति का मौलिक गुण है, उसका सही-सही परिचय प्राप्त करना आवश्यक है। घर में हमें सुख-शांति, मान-सम्मान और धन-वैभव सहित सभी सुविधाएं प्राप्त होती हैं। अगर घर साफ-सुथरा होगा तो तन मन प्रफुल्लित रहेगा। गंदगी से भरपूर घर जहां व्यक्ति के स्वास्थ्य में नकारात्मकता का संचार करता है वहीं घर में बरकत के लिए सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करता है रात के समय की गई सफाई।
हिंदू शास्त्र, वास्तु शास्त्र और वैज्ञानिक दृष्टि से रात के समय की गई घर की साफ-सफाई वर्जित है। रात के समय घर का कचरा बाहर फेंकना भी अशुभ होता है।  ऐसा करने से स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है, साथ ही घर-परिवार की प्रगति में भी बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

सुबह उठते ही करें ये 5 काम जीवन की बाधाएं दूर हो बनेंगे बिगड़े काम

शास्त्रानुसार हर व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले जागना चाहिए। हमारे शास्त्र हमें संतुलित जीवन जीना सिखाते हैं। इसी क्रम में शास्त्रों ने संस्कार रचकर हमारी दिनचर्या तय की है। हमारी दिनचर्या नींद से उठते ही प्रारंभ होती है। सुबह अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है। दिन अच्छा हो इसके लिए हम सुबह अपने अंदर और बाहर अर्थात मन में और घर में शांति और प्रसन्नता चाहते हैं। इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को बताने जा रहे हैं कि सुबह उठते ही क्या करें ऐसा खास जिससे बन जाएं आपके सारे बिगड़े काम।
दिन शुभ हो इसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने कर (हाथ) दर्शन का संस्कार हमें दिया है अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही हमें कर दर्शन अर्थात अपनी हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। शास्त्रानुसार हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी का, मध्य भाग में सरस्वती का तथा मूल भाग में परमब्रह्म गोविंद का निवास होता है।
अतः सुबह हथेलियों के दर्शन करने के लिए हथेलियों को आपस में मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें।
श्लोक: कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविंद प्रभाते करदर्शनम्॥
व्यक्ति को नींद से उठने के बाद दूसरा काम करना चाहिए भूमि वंदन। हम इस धरती पर अपना बोझ डालते हैं, इस पर पांव रखते हैं। यही भूमि हमें अन्न, जल व आश्रय प्रदान करती है। भूमि से ही मनुष्य को अनेक खाद्य प्रदार्थ मिलते हैं। मकान बनाने, खेती करने और स्टोरेज बनाने के लिए हमें धरती को खोदना पड़ता है। उस समय होने वाले सब आघात भूमि सहन करती है। सभी का बोझ यह भूमि संभालती है इसलिए प्रात: उठने पर भूमि पर पैर रखने से पूर्व निम्नलिखित श्लोक बोलें।
श्लोक: समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे॥
नींद से उठने के बाद व्यक्ति को तीसरा काम करना चाहिए माता-पिता के दर्शन। माता-पिता ही हमारे सच्चे भगवान और यह ही हमारे मूल-शक्ति का स्रोत हैं। इनके दर्शन और चरण स्पर्श से हम में सकारात्मक ऊर्जा का निर्वाह होता है।
दैनिक कृत्यों से विवृत होने के बाद चौथा काम व्यक्ति के लिए है इष्ट की मंत्र योग साधना। इष्ट योग साधना व्यक्ति के चारों ओर सुरक्षा कवच का निर्माण कर व्यक्ति की सहयता करती है।
पांचवा कार्य व्यक्ति के लिए है आदि देवदर्शन अर्थात गणपति जी के दर्शन। गणपति के दर्शनों से सभी प्रकार के दैनिक संकटो व विघ्नों का नाश होता है। सुबह सवेरे नाश्ता करने से पहले पांचवा कार्य करें दान कर्म अर्थात किसी ज़रूरतमंद को पैसे अथवा भोजन का दान करें अथवा घर में तवे पर बनी पहली रोटी गाय को खिलाएं। इन पंच कर्मो से व्यक्ति की सभी बाधाएं दूर होती हैं तथा उसके सारे बिगड़े काम संवर जाते हैं।