Thursday, 16 April 2015

श्री सांई आरती


कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सां
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सां
कलियुग के गुरुनानक सांई, कालचक्र के क्षण-क्षण सांई,

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सां
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सां
जब-जब विपदा मुझ पर आई, क्रूर धूप जब जग पर छा
बदली बनकर नीलगगन से, मन आंगन पर करुण बनक
परछाईं बन छाये सांई

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सां
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सां
अवनि अंबर तुमसे सांई, तुम ही हो जग की सच्चाई,
जब-जब छाया जग अंधियारा, जल से ज्योति जलाये सांई,

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सां
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सां
कहने को तुम शिरडी वाले, किंतु सच में सबके सांई,
जिसने भी चाहा है मन से, उसका घर शिरडी बन जाता,
सांई खुद चलकर आते हैं, संग-संग आती द्वारका मा

कलियुग के श्रीराम हैं सांई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा
कलियुग के तुम ब्रह्मा, विष्णु, कलियुग के शिवशंकर सां
जय-जय सांई, ॐ सांई, सत्य सनातन कण-कण सां

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