********' कबूतर को दाना डालना एक पुण्य का काम है | लेकिन इसमें कुछ सावधानी रखनी चाहिए अपने सुना होगा या नहीं सुना होगा की कभी भी घर की छत पे कबूतर को दाना न डाले | अपने आँगन में या balconi में या घर से बाहर डाले लेकिन घर की छत पर नहीं | आइये जानते है , इसका ज्योतिषीय कारण| जन्मकुंडली में बुध और rahu का खराब मेल बहुत बुरा होता है | यदि जन्मकुंडली में बुध और rahu का खराब मेल हो तों इन्सान को इनके खराब योग बनने से कुछ परेशानी भी हो सकती है ऐसे में हम अपनी हरकतों से भी बुध और rahu को एक कर दे या इनको और ख़राब कर दे तों बुरा नतीजा मिलता है |ज्योतिष में बुध से सम्बंधित वस्तुओं मे कबूतर को भी जाना जाता है अब कबूतर बुध और छत हो गयी rahu | अब ऐसे लोग जब छत पे दाना डालते है तों छत पर कबूतर आते है तों एक तरह से बुध और rahu का मेल हो गया. लेकिन कबूतर तों फिर भी दाना खा कर चले जायेगे , वो तों चिंता की बात नहीं लेकिन जब वहां कबूतर आयेगे तों अपने मल से छत को गन्दी कर देगे| छत यानि rahu ख़राब हो जायेगा और बुरा नतीजा मिलेगा | बाकि किसी पार्क या खुले मैदान मे भी दाना दाल सकते है इसी लिये केहते है की छत पर कोई कूड़ा कबाड़ खराब गीली लकड़ी रबर और जंग लगे लोहे का समान ना हो तों हो गया इसका कारण | इसीलिए छत पर दाना नहीं डालना चाइए | जिन लोगो के पास छत पर डालने के अलावा और कोई चारा नहीं है , वो ये पढ़ कर कबूतर को दाना डालना बंद न करे और उसका भी एक तरीका है | वो लोग कबूतर के जाने के तुरंत बाद छत को अच्छे से साफ कर दे | अब बुध और rahu की बात चली है तों २ बाते और | दूसरा की बुध व्यापार भी है और rahu ससुराल है | ऐसे लोग जिनका की कुंडली में बुध और rahu का खराब योग है , उनको ससुराल पक्ष ( rahu ) के साथ मिलकर व्यापार ( बुध ) नहीं करना चाइए |
Monday, 20 April 2015
राहु और बुध
********' कबूतर को दाना डालना एक पुण्य का काम है | लेकिन इसमें कुछ सावधानी रखनी चाहिए अपने सुना होगा या नहीं सुना होगा की कभी भी घर की छत पे कबूतर को दाना न डाले | अपने आँगन में या balconi में या घर से बाहर डाले लेकिन घर की छत पर नहीं | आइये जानते है , इसका ज्योतिषीय कारण| जन्मकुंडली में बुध और rahu का खराब मेल बहुत बुरा होता है | यदि जन्मकुंडली में बुध और rahu का खराब मेल हो तों इन्सान को इनके खराब योग बनने से कुछ परेशानी भी हो सकती है ऐसे में हम अपनी हरकतों से भी बुध और rahu को एक कर दे या इनको और ख़राब कर दे तों बुरा नतीजा मिलता है |ज्योतिष में बुध से सम्बंधित वस्तुओं मे कबूतर को भी जाना जाता है अब कबूतर बुध और छत हो गयी rahu | अब ऐसे लोग जब छत पे दाना डालते है तों छत पर कबूतर आते है तों एक तरह से बुध और rahu का मेल हो गया. लेकिन कबूतर तों फिर भी दाना खा कर चले जायेगे , वो तों चिंता की बात नहीं लेकिन जब वहां कबूतर आयेगे तों अपने मल से छत को गन्दी कर देगे| छत यानि rahu ख़राब हो जायेगा और बुरा नतीजा मिलेगा | बाकि किसी पार्क या खुले मैदान मे भी दाना दाल सकते है इसी लिये केहते है की छत पर कोई कूड़ा कबाड़ खराब गीली लकड़ी रबर और जंग लगे लोहे का समान ना हो तों हो गया इसका कारण | इसीलिए छत पर दाना नहीं डालना चाइए | जिन लोगो के पास छत पर डालने के अलावा और कोई चारा नहीं है , वो ये पढ़ कर कबूतर को दाना डालना बंद न करे और उसका भी एक तरीका है | वो लोग कबूतर के जाने के तुरंत बाद छत को अच्छे से साफ कर दे | अब बुध और rahu की बात चली है तों २ बाते और | दूसरा की बुध व्यापार भी है और rahu ससुराल है | ऐसे लोग जिनका की कुंडली में बुध और rahu का खराब योग है , उनको ससुराल पक्ष ( rahu ) के साथ मिलकर व्यापार ( बुध ) नहीं करना चाइए |
Deities and their favorite Oil deepam’s:
Shree Mahalakshmi – Cow’s Ghee
Subramanya/Shreemannarayana – Sesame Oil
Ganesha – Coconut Oil
Devi Parashakti – Mixture of Ghee, Castor oil, Coconut oil,Ippanune (Oil extracted from a fruit resembling dried grapes),Vepanune (Oil extracted from the Neem Leaves)
All the gods – Sesame Oil
Subramanya/Shreemannarayana – Sesame Oil
Ganesha – Coconut Oil
Devi Parashakti – Mixture of Ghee, Castor oil, Coconut oil,Ippanune (Oil extracted from a fruit resembling dried grapes),Vepanune (Oil extracted from the Neem Leaves)
All the gods – Sesame Oil
देवताओं और उनके पसंदीदा तेल दीपम की :
श्री महालक्ष्मी - गाय का घी
सुब्रमण्य / Shreemannarayana - तिल का तेल
गणेश - नारियल का तेल
देवी Parashakti - ( नीम के पत्तों से निकाला तेल) घी , अरंडी का तेल , नारियल तेल, Ippanune (तेल एक फल से जैसी सूखे अंगूर निकाले ), Vepanune का मिश्रण
सभी देवताओं - तिल का तेल
श्री महालक्ष्मी - गाय का घी
सुब्रमण्य / Shreemannarayana - तिल का तेल
गणेश - नारियल का तेल
देवी Parashakti - ( नीम के पत्तों से निकाला तेल) घी , अरंडी का तेल , नारियल तेल, Ippanune (तेल एक फल से जैसी सूखे अंगूर निकाले ), Vepanune का मिश्रण
सभी देवताओं - तिल का तेल
अगर बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही
अगर बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही या लगता है की किसी को मुक्ति नहीं मिल रही
रोगी बहुत तड़प रहा है और वार वार भगवान से मौत की फ़रयाद कर रहा है तो यह
करें
आधा मीटर काला कपडा ले उसमे 800 ग्राम काले उड़द 800 ग्राम काले तिल 7 लोहे की कील मोची से लेनी है एक चाकू और एक मिठाई वाला पेठा और पेठे पर एक दो बूँद रोगी का खून लगा ले यह सारा सामान बांध कर एक पोटली बना ले और पोटली को शुक्रवार की रात रोगी के सिरहाने रख दे शनिवार सुबह 8 से 10 वजे के बीच जल परवाह कर दें
ध्यान रखें की रोगी के पास से पोटली लेजाते समय घर में आपके रस्ते में कोई नहीं आना चाहिए
इतना जरूर ध्यान रखें की पोटली को बहुत टाइट करके नहीं बंधना थोड़ा ढीला ही रखना है जो पानी में जाकर जल्दी ही खुल जाय
यह उपाय पूरी ख़ामोशी से करना है
आधा मीटर काला कपडा ले उसमे 800 ग्राम काले उड़द 800 ग्राम काले तिल 7 लोहे की कील मोची से लेनी है एक चाकू और एक मिठाई वाला पेठा और पेठे पर एक दो बूँद रोगी का खून लगा ले यह सारा सामान बांध कर एक पोटली बना ले और पोटली को शुक्रवार की रात रोगी के सिरहाने रख दे शनिवार सुबह 8 से 10 वजे के बीच जल परवाह कर दें
ध्यान रखें की रोगी के पास से पोटली लेजाते समय घर में आपके रस्ते में कोई नहीं आना चाहिए
इतना जरूर ध्यान रखें की पोटली को बहुत टाइट करके नहीं बंधना थोड़ा ढीला ही रखना है जो पानी में जाकर जल्दी ही खुल जाय
यह उपाय पूरी ख़ामोशी से करना है
सभी प्रकार की बाधाएं दूर
विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:।
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
इस श्लोक में 6 बातें बताई गई हैं,
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
इस श्लोक में 6 बातें बताई गई हैं,
जिनका ध्यान दैनिक जीवन में रखने पर सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो सकती हैं।
इन 6 बातों में पहला काम है भगवान विष्णु की पूजा करना।
भगवान विष्णु परमात्मा के तीन स्वरूपों में से एक जगत के पालक माने गए हैं।
श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी भी हैं।
विष्णु अवतारों की पूजा करने पर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, सब कुछ प्राप्त हो सकता है
इन 6 बातों में पहला काम है भगवान विष्णु की पूजा करना।
भगवान विष्णु परमात्मा के तीन स्वरूपों में से एक जगत के पालक माने गए हैं।
श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी भी हैं।
विष्णु अवतारों की पूजा करने पर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, सब कुछ प्राप्त हो सकता है
स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति के प्रयोग
लघु नारियल तथा एकाक्षी नारियल तथा दक्षिणावर्ती शंख व मोती शंख से कैसे प्रसन्न करे लक्ष्मी जी को तथा इनके प्रयोग की बिधि.
ज्योतिषीय उपायों में खास तरह के नारियलों एवं शंखो का उपयोग प्राचीन काल से ही
किया जाता रहा है। आज हम आपको लघु तथा एकाक्षी नारियल तथा दक्षिणावर्ती शंख
मोती शंख तथा उनसे किए जाने वाले उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैl
लघु नारियल
लघु नारियल का आकार सामान्य नारियल से थोड़ा
छोटा होता है। इसका प्रयोग कई उपायों में किया जाता
है, खासकर धन-संपत्ति प्राप्ति के उपायों में। लघु
नारियल के कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-
1. किसी शुभ मुहूर्त में 11 लघु नारियल पूजन कक्ष में
स्थापित मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के चरणों में रख कर निम्न मंत्र
ऊं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च
धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् l
मंत्र का जाप करें।
1माला जाप करने के बाद एक लाल कपड़े में उन लघु
नारियलों को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के
दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।
ऐसा करने से धन संबंधी समस्या का स्थायी निदान हो सकता हैl
2. धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल
स्थापित कर, उस पर केसर से तिलक करें और हर
नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र
का मन ही मन जाप करते रहें-
मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं
3. अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में कभी धन व
अनाज की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो
11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर
के पूर्वी कोने में बांध दें।
एकाक्षी नारियल
धार्मिक मान्यता के अनुसार ये नारियल साक्षात
लक्ष्मी का रूप होता है। इसके ऊपर आंख के समान
एक चिह्न होता है। इसलिए इसे एकाक्षी (एक आंख
वाला) नारियल कहते हैं। इसे घर में रखने से ही कई
प्रकार की समस्याएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं। ये हैं
इसके खास उपाय-
1. जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, उस
घर के लोगों पर तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव नहीं
होता है एवं उस परिवार के सदस्यों को मान-सम्मान,
प्रतिष्ठा व यश प्राप्त होता है।
2. यदि मुकद्मे में विजय प्राप्त करनी हो तो रविवार के
दिन एकाक्षी नारियल पर विरोधी का नाम लिख कर,
उस पर लाल कनेर का फूल रख दें और जिस दिन
न्यायालय जाएं वह फूल साथ ले जाएं। फैसला आपके
पक्ष में होने की संभावना बढ़ जाती है।
दक्षिणावर्ती शंख
ज्योतिषीय उपायों में दक्षिणावर्ती शंख का विशेष
महत्व है। इस शंख को विधि-विधान पूर्वक घर में रखने
से कई प्रकार की बाधाएं शांत हो जाती हैं और धन की
भी कमी नहीं होती, लेकिन इसे घर में रखने से पहले
इसका शुद्धिकरण अवश्य करना चाहिए।
इस विधि से करें शुद्धिकरण
लाल कपड़े के ऊपर दक्षिणावर्ती शंख को रखकर
इसमें गंगाजल भरें और कुश (एक विशेष प्रकार की
घास) के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें- ऊं
श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:
इस मंत्र की कम से कम 5 माला जाप करें।
उपाय
1. दक्षिणावर्ती शंख को अन्न भंडार में रखने से
अन्न, धन भंडार में रखने से धन, वस्त्र भंडार में
रखने से वस्त्र की कभी कमी नहीं होती। बेडरूम में इसे
रखने से शांति का अनुभव होता है।
2. इस शंख में शुद्ध जल भरकर, व्यक्ति, वस्तु,
स्थान पर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिशाप, तंत्र-मंत्र
आदि का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
3. इसे घर में रखने से सभी प्रकार की नकारात्मक
ऊर्जा अपने आप ही समाप्त हो जाती है और घर में
सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।
मोती शंख
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती शंख एक विशेष
प्रकार का शंख होता है। ये आम शंख से थोड़ा अलग
दिखाई देता है और थोड़ा चमकीला भी होता है। इस
शंख को विधि- विधान से पूजन कर यदि तिजोरी में रखा
जाए तो घर, ऑफिस व दुकान में पैसा टिकने लगता है।
आमदनी बढऩे लगती है।
उपाय
किसी बुधवार को सुबह स्नान कर साफ कपड़े में अपने
सामने मोती शंख को रखें और उस पर केसर से
स्वस्तिक का चिह्न बना दें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र
का जाप करें-
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:
मंत्र का जप स्फटिक माला से ही करें। मंत्रोच्चार के
साथ एक-एक चावल इस शंख में डालें। इस बात का
ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए ना हो। यह प्रयोग
लगातार 11 दिनों तक करें। इस प्रकार रोज एक माला
जाप करें। उन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की
थैली में रखें और ग्यारह दिनों के बाद चावल के साथ
शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रखें। कुछ
ही दिनों में धन वृद्धि के योग बनने लगेंगे।
ज्योतिषीय उपायों में खास तरह के नारियलों एवं शंखो का उपयोग प्राचीन काल से ही
किया जाता रहा है। आज हम आपको लघु तथा एकाक्षी नारियल तथा दक्षिणावर्ती शंख
मोती शंख तथा उनसे किए जाने वाले उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैl
लघु नारियल
लघु नारियल का आकार सामान्य नारियल से थोड़ा
छोटा होता है। इसका प्रयोग कई उपायों में किया जाता
है, खासकर धन-संपत्ति प्राप्ति के उपायों में। लघु
नारियल के कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-
1. किसी शुभ मुहूर्त में 11 लघु नारियल पूजन कक्ष में
स्थापित मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के चरणों में रख कर निम्न मंत्र
ऊं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च
धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् l
मंत्र का जाप करें।
1माला जाप करने के बाद एक लाल कपड़े में उन लघु
नारियलों को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के
दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।
ऐसा करने से धन संबंधी समस्या का स्थायी निदान हो सकता हैl
2. धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल
स्थापित कर, उस पर केसर से तिलक करें और हर
नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र
का मन ही मन जाप करते रहें-
मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं
3. अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में कभी धन व
अनाज की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो
11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर
के पूर्वी कोने में बांध दें।
एकाक्षी नारियल
धार्मिक मान्यता के अनुसार ये नारियल साक्षात
लक्ष्मी का रूप होता है। इसके ऊपर आंख के समान
एक चिह्न होता है। इसलिए इसे एकाक्षी (एक आंख
वाला) नारियल कहते हैं। इसे घर में रखने से ही कई
प्रकार की समस्याएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं। ये हैं
इसके खास उपाय-
1. जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, उस
घर के लोगों पर तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव नहीं
होता है एवं उस परिवार के सदस्यों को मान-सम्मान,
प्रतिष्ठा व यश प्राप्त होता है।
2. यदि मुकद्मे में विजय प्राप्त करनी हो तो रविवार के
दिन एकाक्षी नारियल पर विरोधी का नाम लिख कर,
उस पर लाल कनेर का फूल रख दें और जिस दिन
न्यायालय जाएं वह फूल साथ ले जाएं। फैसला आपके
पक्ष में होने की संभावना बढ़ जाती है।
दक्षिणावर्ती शंख
ज्योतिषीय उपायों में दक्षिणावर्ती शंख का विशेष
महत्व है। इस शंख को विधि-विधान पूर्वक घर में रखने
से कई प्रकार की बाधाएं शांत हो जाती हैं और धन की
भी कमी नहीं होती, लेकिन इसे घर में रखने से पहले
इसका शुद्धिकरण अवश्य करना चाहिए।
इस विधि से करें शुद्धिकरण
लाल कपड़े के ऊपर दक्षिणावर्ती शंख को रखकर
इसमें गंगाजल भरें और कुश (एक विशेष प्रकार की
घास) के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें- ऊं
श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:
इस मंत्र की कम से कम 5 माला जाप करें।
उपाय
1. दक्षिणावर्ती शंख को अन्न भंडार में रखने से
अन्न, धन भंडार में रखने से धन, वस्त्र भंडार में
रखने से वस्त्र की कभी कमी नहीं होती। बेडरूम में इसे
रखने से शांति का अनुभव होता है।
2. इस शंख में शुद्ध जल भरकर, व्यक्ति, वस्तु,
स्थान पर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिशाप, तंत्र-मंत्र
आदि का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
3. इसे घर में रखने से सभी प्रकार की नकारात्मक
ऊर्जा अपने आप ही समाप्त हो जाती है और घर में
सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।
मोती शंख
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती शंख एक विशेष
प्रकार का शंख होता है। ये आम शंख से थोड़ा अलग
दिखाई देता है और थोड़ा चमकीला भी होता है। इस
शंख को विधि- विधान से पूजन कर यदि तिजोरी में रखा
जाए तो घर, ऑफिस व दुकान में पैसा टिकने लगता है।
आमदनी बढऩे लगती है।
उपाय
किसी बुधवार को सुबह स्नान कर साफ कपड़े में अपने
सामने मोती शंख को रखें और उस पर केसर से
स्वस्तिक का चिह्न बना दें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र
का जाप करें-
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:
मंत्र का जप स्फटिक माला से ही करें। मंत्रोच्चार के
साथ एक-एक चावल इस शंख में डालें। इस बात का
ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए ना हो। यह प्रयोग
लगातार 11 दिनों तक करें। इस प्रकार रोज एक माला
जाप करें। उन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की
थैली में रखें और ग्यारह दिनों के बाद चावल के साथ
शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रखें। कुछ
ही दिनों में धन वृद्धि के योग बनने लगेंगे।
हनुमानजी को प्रसन्न करने के खास मंत्र
व्याधि हरण के लिए - ऊँ वायु पुत्रायनम:।
जन्मदिन पर - ऊँ चिरंजीवीने नम:।
कार्य सिद्धि के लिए - ऊँ रामदूताय नम:।
शत्रु पर विजय के लिए - ऊँ शूराय नम:
प्रतियोगिता में सफलता के लिए- ऊँ गुणाढ्याय नम:।
अध्यात्म चेतना के लिए- ऊँ महायोगिने नम:।
रोग मुक्ति के लिए - सोमित्र प्राणदाय नम:।
भक्ति प्राप्ति के लिए - ऊँ राम भक्ताय नम:।
कार्य सिद्धि के लिए - ऊँ हनुमते नम:
अभिष्ट व रक्षा के लिए- अंजनागर्भ संभूत कपींद्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमत रक्ष सर्वदा।
Friday, 17 April 2015
Shani Shingnapur
Our bodies are constituted of five great elements. Therefore, these
elements have a profound influence on us. These planets thus control us
continuously. God Shani occupies the seventh place in the constellation
of the nine 'grahas' which control the world. God Shani exerts more
power than the power of gravity itself. Therefore, when we think good or
bad thoughts and make plans, they reach God Shani by the strength of
his power. Thus, good results in good. And bad begets bad results soon.
Among the people of Maharashtra and India itself, the greatness and
grandeur of Shanishingnapur if spread far and wide. But the fame of God
Shani has reached far and wide, even beyond the seven seas. After the
'darshan' of this world famous Devasthan and God Shani, this information
based on social, religious, scientific, 'Sanskritic', geographical and
familial experiences is being made available to all devotees.
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